जीवनोत्कर्ष प्रेरणा
ब्लाग का नाम जीवनोत्कर्ष प्रेरणा रखने से मुझे अभूतपूर्व सुकून प्राप्त हुआ है. मैं विगत कई वर्षों से इसी एक विचार के सांथ दैनिक आगे बढता रहा हूँ । जीना ही प्रेरणा देता है . . . . . . . कितना सत्य है . . . . है ना !!!
जीवनोत्कर्ष प्रेरणा Life Inspiration :-
जीवन जीने के अनुकूल परिस्थितियाँ तो सदा भाग्यशालीयों को ही उपलब्ध हो पाती हैं, . . . . . . . तो अन्य लोग, जो कष्टों से जूझते रहते हैं, क्या उनको जीने का हक . . . . . . नहीं है ? या फिर उनका जीवन जीने का हक समाप्त हो जाता है. . . . . !!! . . कौन समाप्त कर देता है उसे ? . . . . . क्या ईश्वर छीन लेता है, सच्चे और निश्छल लोगों के सुखों को ??? . . . . . नहीं, वो तो मातृवत-पितृ वत, संरक्षक होता है . . . . . तो फिर . . . . . वो कौन है . . . ??? . . . . . क्या प्राप्त कर लेते हैं वो, जो अपने सुखों की तृप्ति के लिए, जिवंत प्रकृति को, अपने 100-50 वर्षों के पृथ्वी लोक के भ्रमण मे, पैरों से रौद देना चाहते हैं.
जीवन यात्रा ( Joureny of Life )
बड़ी रोचक व सतरंगी है मानव जीवन की पृथ्वीलोक की ये यात्रा. क्या आप आप आनन्द लेना चाहेंगे इस यात्रा का हमारे सांथ ? आप इसमें दर्शक के रूप में, श्रोता के रूप में, मार्गदर्शक के रूप में या फिर सहयात्री या और भी जिस रूप में में सम्मिलित होना चाहेंगे, हम सदैव आपका स्वागत करेंगें. इस सफर को एकांकी ना बनाकर बहुरंगी स्वरूप प्रदान करने के लिए, मैं आप का हृदय से आव्हान करता हूँ.
सांथी हाथ बढाना, सांथी हाथ बढाना,
एक अकेला थक जाये तो मिलकर हाथ बटाना, सांथी हाथ बढाना,
सांथी हाथ बढाना, सांथी रे. . . . . . ., सांथी हाथ बढाना, सांथी रे. . . . . . .!!
Jivanotkarsh Prerna Blog :-
भारत की विपदाओं से लड़ने की कहानी, अंतर कलहों से होने वाले नुकशान के प्रति सचेत करने, त्याग व आदर्श की प्रतिस्थापना करने के लिए प्रण प्राण से त्याग करने वाले दिव्य महापुरुषों साक्ष्यात ईश्वर स्वरूपा भगवान शंकराचार्य, स्वामीनारायण, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, अन्यान्य प्रेरक दिव्यात्माओं का अवलंम्बन लेकर . . . . . कालरात्रि में माँ भारती के कष्टों व पीड़ा को दूर कर पुनः स्वातंत्र्य की बेला के आने तक की कालावधि के साधकों, रानी लक्ष्मीबाई, स्वातंत्र्य वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा गाँधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, चंद्रशेखर, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि अनादियों के पौरुष व त्याग की प्रेरणादायक जीवनियों से यह ब्लॉग सुसज्जित रहने वाला है.
हमारी आराध्या माँ भारती Motherland :-
रामराज्य का सुख :-
निष्कर्ष :-
ईति शुभम् :- धीरेन्द्रः
Labels: जीना ही प्रेरणा देता है
1 Comments:
नमस्कार,
जिस दिन से ये ब्लॉग बनाया है बड़ी असमंजस में हूँ की सुरुवात कहाँ से करूँ ???
क्यों-क्योंकि विषय ही इतना गंभीर है की इसके सांथ न्याय कर पाना और इसे मंजिल तक पहुचना दोनों ही असम्भव जैसे कठिन हैं. . . . . किन्तु
"जहाँ चाह, तहां राह"
स्वामी विवेकानंद जी के शब्द "उत्तिष्ठ भारत" ने अनगिनत लोगों को inspire किया और अनगिनत लोग आज भी अपना सब सुख-चैन दाव में लगाकर जीवन यापन कर रहे हैं यथा संभव में भी Jivnotkarsh prerna को स्वामीजी के मार्गदर्शन के आधार पर ही विस्तारित करूँगा.
आप सभी के सहयोग व स्नेह का आकांक्षी.
आपका अपना जीवनोत्कर्ष प्रेरणा समूह
धन्यवाद.
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I will appreciate it if you tell me a few words about my post.
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