विश्वास की ताकत
एक बार विश्वास की ताकत के दम पे दो बहुमंजिली इमारतों के बीच बंधी तार की रस्सी पर लंबा सा बाँस पकड़े एक नट चल रहा था, उसने अपने कन्धे पर अपना बेटा बैठा रखा था। सैंकड़ों, हज़ारों लोग दम साधे देख रहे थे।सधे कदमों से, तेज हवा से जूझते हुए अपनी और अपने बेटे की ज़िंदगी दाँव पर लगा उस कलाकार ने दूरी पूरी कर ली।
Power of Trust विश्वाश की ताकत |
"प्रभु में विश्वास की ताकत "
भीड़ आह्लाद से उछल पड़ी, तालियाँ, सीटियाँ बजने लगी । लोग उस कलाकार की फोटो खींच रहे थे, उसके साथ सेल्फी भी ले रहे थे। उससे हाथ मिला रहे थे ।
अचानक वो कलाकार माइक पर आया और बोला "क्या आपको विश्वास है कि मैं यह कार्य दोबारा भी कर सकता हूँ"
भीड़ चिल्लाई "हाँ हाँ, तुम कर सकते हो।"
उसने पूछा, क्या आपको विश्वास है"
भीड़ चिल्लाई "हाँ हमें पूरा विश्वास है, हम तो शर्त भी लगा सकते हैं कि तुम सफलतापूर्वक इसे दोहरा भी सकते हो।"
कलाकार बोला " पूरा पूरा विश्वास है ना"
भीड़ बोली......हाँ है।
कलाकार बोला "ठीक है, कोई मुझे अपना बच्चा दे दे, मैं उसे अपने कंधे पर बैठा कर रस्सी पर चलूँगा।"
खामोशी, शांति, चुप्पी फैल गयी।
कलाकार बोला, "डर गए अभी तो आपको विश्वास था कि मैं कर सकता हूँ। असल मे आप का यह विश्वास सिर्फ एक सोच है, भरोसा नहीं है।दोनों विश्वासों में फर्क है साहब।"
जी हां,
यही कहना है
- ईश्वर हैं ये सोच तो है
परन्तु
ईश्वर में सम्पूर्ण विश्वास,भरोसा नहीं है,
तो
अतः हमें अपने जीवनोत्कर्ष के लिए विश्वास की ताकत से प्रेरणा लेनी चाहिए.
Labels: Jivanotkarsh Prerna
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