6/15/2020

योग दिवस, IDY 2020, 21 June International yoga day का महत्व.

इस वर्ष के योग दिवस IDY 2020 की प्रासंगिकता पूर्व के वर्षो से कहीं ज्यादा है


International Day of Yoga 2020
IDY 2020

योग दिवस, IDY 2020, 21 June International yoga day का महत्व 


योग दिवस IDY 2020 की प्रासंगिकता:-



सबसे बड़ा जो फर्क है वो ये है की इस बार 21 June international yoga day पार्कों के बदले, हम सभी 

लोग अपने अपने घरों में ही मनायेगे. Online IDY 2020 में सम्मिलित होने के लिए आप अपना नाम, आयु, 

लिंग (Gender) की जानकारी इस लिक इस लिक पर भेज देंगें. 


स्वामी रामदेव जी महाराज से प्रशिक्षित योग शिक्षकों की टीम
स्वामी रामदेव जी महाराज से प्रशिक्षित योग शिक्षकों की टीम 

ताकि आपको online yoga day celebration में सम्मिलित होने के लिए Link भेजा जा सके. हमने पिछले 

सभी पांचों international yoga day celebrationn बड़ी भव्यता के साथ मनाये हैं, गत वर्ष 

का international yoga day 2019 पतंजलि योगपीठ के तत्वाधान में योग ऋषि स्वामी रामदेव जी  की सूक्ष्म 

उपस्थिति में सर्व समाज के सांथ मनाया गया था. जिसमें लगभग 500 से अधिक नागरिकों ने भागीदारी करी थी.




IDY 2019 समारोह

IDY 2019 समारोह के प्रतिभागी योग शिक्षक

IDY 2019 समारोह के प्रतिभागी योग शिक्षक ग्रुप
IDY 2019 समारोह के प्रतिभागी योग शिक्षक ग्रुप 

World Yoga Day:-



योग दिवस आज से लगभग 5 वर्ष पूर्व, 21 जून को जब, अंतराष्ट्रीयकरण योग दिवस का शुभारंभ हुआ था, तब 


किसी ने सोचा भी नहीं होगा की कुछ ही वर्षों में एक ऐसी घटना भी घटेगी जो मानवता पर कहर बनकर 


टूटेगी. किसे पता था की योग जिसकी प्रतिस्थापन उस दिन की जा रही थी कुछ ही वर्षों में वो घटना मनुष्य के 


जीवन बचाने के लिए संजीवनी का सा काम करेगी. 21 जून का दिन सबसे लंबी अवधि का दिन, longest 


day on the earth होता ह. इसमें यह कामना की गयी है, कि मनुष्य सुख पूर्वक और निरोगी जीवन यापन 


कर सके. 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सभा में, अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था,



"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है;
 
मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वस्थ और
 
भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण भी प्रदान करने वाला है. यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने
 
भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति के खोज के विषय में है. हमारी बदलती जीवन शैली में यह
 
चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है. तो आयें एक अंन्तराष्ट्रिय योग
 
दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं."


योग की कल्याण की भावना:-


हालांकि पूर्व में भारत के आव्हाहन मात्र से, वैश्विक स्तर पर एक बड़ा परिवर्तन आ जाना चाहिए था, किन्तु 

अफ़सोस इंसान की मानसिकता भला इतनी आसानी से किसी बात को मानने को तैयार कहाँ होती है. उसने 


एक बार फिर, सर्वत्र वैश्विक कल्याण की, कामना करने वाली, भारतीय परम्पराओं की अनदेखी की; वो 


भारतीय आग्रह की आत्मा को समझ ही नहीं पाये”. खैर फिर भी संतोष इस बात का है की, विश्व ने कम से कम 


इसके प्रति अपना सम्मान व कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, 177 देशों ने 21 जून को अंन्तराष्ट्रिय योग दिवस मानाने 


को सैधांतिक अनुमति दी. भारत के इस प्रस्ताव को ऐतिहासिक रूप से  सबसे कम 90 दिनों में 11 सितंबर 


2014 को 193 देशों ने सर्वसम्मति से "21 June ko International Day of Yog” IDY  के रूप में 

मंजूरी दे दी.  भारत के इन प्रयासों का संपूर्ण विश्व ने स्वागत किया. योग पर वैश्विक स्तर पर कार्य आरम्भ हुआ 


कई रिसर्च होनी आरम्भ हुई. योग का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव के विषय पर वर्तमान समय में योग को सिद्ध 


कर चुके भारतीय तपस्वी ऋषियों के प्रतिनिधि स्वामी रामदेव जी महाराज के सांथ वैश्विक विचार मंथन आरम्भ 


हुआ. परिणाम स्वरूप आज यह वैज्ञानिक रूप से इस बात की  स्विकार्योक्ति हो गई है की मानव स्वास्थ्य को 


केवल दवाओं के माध्यम से आजीवन स्वस्थ नहीं रखा जा सकता है. यदि मनुष्य को पूर्ण रूप से स्वस्थ रहना है 


तो उसे Yog को जीवन में, Life Style में नित्य कर्म के रूप में धारण करना ही होगा.

भारत की योग परम्परा:-


भारत की योग परम्परा अनादि काल से, हिन्दू जीवन पद्यति का निर्वहन करने वालों की, अपने शरीर को,

आजीवन स्वस्थ रखने का आधार रही है. ये परम्पराएँ hindu life style का ऐसा ऐसा अभिन्न अंग होती थी की

एक बार को व्यक्ति, बिना food खाए-पिये रह ले पर नित्य-कर्म में सम्मिलित योगाभ्यास को नहीं छोड़ सकता 

था. तब और आज के life style में इतना फर्क आ गया है, कि आज व्यक्ति सब कुछ छोड़ने को तैयार है, पर

स्वयं के अच्छे स्वस्थ, good health के लिए थोडा त्याग और परिश्रम को तक importance नहीं दे पा रहा है.

भारतीय परम्परा में योग को सम्पूर्ण सुख का आधार माना गया है. गीता जी में भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार

योगः कर्मसु कौशलम.

अर्थात सभी प्रकार के कर्मों को, आजीवन, श्रेष्ठता से करने का ही नाम ही योग है.

प्रज्ञापराधो ही सर्वरोगाणां मूलकारणम्.

महर्षि चरक के उपरोक्त, प्रज्ञापराधो ही सर्वरोगाणां मूलकारणम् के भाव को हृद्यंग्म करने में ना जाने कितना 

समय लगे यह तो समय ही बताएगा. लेकिन आज के इस आधुनिक वैज्ञानिक युग में इस बात की सर्वमान्य  

स्वीकारोक्ति हो गयी है की “Stress is the main cause of all diseases” अर्थात तनाव ही सभी बिमारियों 

की जड़ है. और वर्तमान जीवन का तनाव व्यक्ति द्वारा स्वयं निर्मित किया हुआ है. कैसे ? इसे समझने  के लिए  

योग की परिभाषा के अनुसार:-

“योग्श्च चित्त वृत्ति निरोधः”

अर्थात चित्त की वृत्तियों के निरोध को ही योग कहते हैं. जो “Stress is the main cause of all diseases”

के निर्मूलन का आधार है. अर्थात विज्ञान और योग में एक प्रकार की समानता सी की देखने में आती है. योगिक

क्रियाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से टेस्ट ना किये जाने की वजह से योगिक क्रियाओं से मनुष्य के स्वस्थ को हो

सकने वाले लाभों की जानकारी नहीं हो सकी थी. जबकि भारतवर्ष आदिकाल से ही अपने उत्तम स्वास्थ्य लाभ

के लिए योग पर ही निर्भर था.


निष्कर्ष:- 



मानव स्वास्थ्य के challanges को देखते हुए और वर्तमान चिकित्सा पध्यती की खामियों ने भारतीय 

योग पध्यती के साधकों को एक बार फिर से योग की शरण में जाने को प्रेरित किया. योग ऋषि स्वामी रामदेव 

जी महाराज ने योगिक क्रियाओं का मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाओं का वैज्ञानिक शोधों पर आधारित 

अध्ययन शुरू करवाया.  योग को अंतराष्ट्रीय पहचान मिलने से योगिक क्रियाओं पर लगातार हो रहे शोधों ने 

सिद्ध कर दिया है की Yogic therapy, alopathy के ही सामान स्वास्थ्य वर्धक होने के अलावा इसके 

कोई side effects भी नहीं हैं, अतः यह एक श्रेष्ठ चिकित्सा पद्यति के रूप में अब प्रचलित होने लगी है. योग 

की अंतराष्ट्रीय स्वीकारोक्ति ने भारतीय योग और आयुर्वेद के ज्ञान का लाभ वैश्विक स्तर पर सबके लिए 

सुलभ होने का रास्ता खोल दिया.

वर्तमान कोरोनावैश्विक महामारी में yogic therapy, योग चिकित्सा ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले, हमारे भारत देश को, लड़ने का मजबूत आधार प्रदान किया है. इस वर्ष कोरोना pendamic की वजह से विश्व योग दिवस Online मनाया जाने वाला है IDY 2020, 21 June international yoga day की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रहीं हैं.

अंतराष्ट्रीय योग दिवस सबके लिए शुभ हो.    


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