7/15/2020

Power of Prayer ईश्वर की भक्ति की शक्ति


यह प्रेरणादायक घटना Power of Prayer बहुत समय पुरानी है. यह ईश्वर की भक्ति की, शक्ति का, ये एक ऐसा अनुपम उदाहरण है, जिसे पढकर, व्यक्ति का सर कृतज्ञता से, उस ईश्वरीय सत्ता के सम्मुख नतमस्तक हो जाता है.

Power of Prayer
ईश्वर की भक्ति की शक्ति

Power of Prayer ईश्वर की भक्ति की शक्ति


घटना इस प्रकार से है की एक दिन एक व्यक्ति, जिसे उसकी जीवन भर की सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाने वाला था, कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए घर से निकला, एअरपोर्ट पहुचकर गाड़ी से उतरा . . . . . और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा.  उसे जिस कार्यकर्म मे पहुंचना था, वहां के लिए जाने वाला जहाज बस उड़ने के लिए तैयार ही था. 

यह कार्यक्रम खास तौर से उन्हीं सज्जन के लिए आयोजित किया गया था. उन्होंने फटाफट बोर्डिंग पास लिया, वह अपनी सीट पर बैठे और जहाज़ मंजिल की ओर उड़ चला . . . . . निर्धारित मार्ग से उड़ता हुआ जहाज अपने गंतव्य के नजदीक ही उड़ा था, कि तभी पायलेट ने घोषणा करी की, तूफानी बारिश और बिजली की वजह से जहाज़ का रेडियो सिस्टम ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है . . . . . इसलिए हम पास के एयरपोर्ट पर उतरने के लिए विवस हैं. . . . !!!


आनन फानन में जहाज़ लेंड हुआ. वह व्यक्ति फटाफट पायलेट व उसकी टीम के पास पंहुचा और शिकायत करने लगा कि . . . . उसका एक-एक मिनट क़ीमती है. और उसे आज होने वाल इस कार्यकर्म में उसका पहुँचना बहुत ज़रूरी है. तभी पास खड़े दूसरे अन्य यात्रीयों ने उसे पहचान लिया.

उन्होंने डॉ विश्वास को बताया की आप जहां पहुंचना चाहते हैं वहां तो आप यहाँ से टैक्सी द्वारा केवल तीन घंटे मे ही पहुंच सकते हैं. तब डॉ विश्वास को चैन आया. उन्होंने सहयात्रियों का  धन्यवाद किया और वे टेक्सी लेकर बचे हुये सफर के लिए निकल पडे.

लेकिन ये क्या थोड़ी ही देर में आंधी, तूफान, बिजली, बारिश ने गाड़ी का चलना मुश्किल कर दिया, फिर भी ड्राइवर हिम्मत के सांथ गाडी चलता रहा. . . . . . तभी अचानक ड्राइवर को आभास हुआ कि वह रास्ता भटक चुका है. 

ना उम्मीदी के उतार चढ़ाव के बीच उसे एक छोटा सा घर दिखाई दिया. इस भयंकर तूफान में बचने के लिए वह गाड़ी से नीचे उतरा और घर का दरवाज़ा खटखटाया. तभी आवाज़ आई की . . . जो कोई भी है अंदर आ जाए, दरवाज़ा खुला है. 

भीतर एक बुढ़िया आसन बिछाए श्रीमद भगवद् गीता पढ़ रही थी. उसने कहा मांजी अगर आपकी आज्ञा हो तो क्या मैं आपके फोन का उपयोग कर सकता हूँ. 

बुढ़िया मुस्कुराई और बोली. . . . बेटा कौन सा फोन ??  यहां ना तो बिजली है और ना ही फोन. . . . लेकिन तुम बैठो. . . . सामने चरणामृत है. उसे पी लो. . . . रास्ते की थकान दूर हो जायेगी और खाने के लिए भी कुछ ना कुछ फल भी मिल जायेंगें . . . खा लो, ताकि आगे यात्रा के लिए कुछ शक्ति आ जाये.

डाक्टर विश्वास ने बुढ़िया का धन्यवाद किया और चरणामृत पीने लगा . . . . बुढ़िया अपने पाठ मे खोई थी. उसके पास ही उसकी नज़र पड़ी की एक बच्चा कंबल मे लिपटा पड़ा था. जिसे बुढ़िया थोड़ी थोड़ी देर मे हिला देती थी. 

बुढ़िया की पूजा पूरी हुई तो उसने कहा . . . . मां जी ! आपके स्वभाव और व्यवहार ने मुझ पर जादू का सा असर कर दिया है . . . . आप मेरे लिए भी प्रार्थना कर दीजिए. . . . यह मौसम साफ हो जाये मुझे उम्मीद है आपकी प्रार्थनायें अवश्य स्वीकार होती होंगी.

बुढ़िया बोली. . . . . नही बेटा ऐसी कोई बात नही . . . तुम मेरे अतिथी हो और अतिथी की सेवा करना ईश्वर का आदेश है. मैने तुम्हारे लिए भी प्रार्थना की है. परमात्मा की कृपा है . . . . उसने मेरी हर प्रार्थना सुनी है . . . बस, एक प्रार्थना और मै उससे माँग रही हूँ, शायद जब वह चाहेगा उसे भी स्वीकार कर लेगा . . . !!!  

डाक्टर बोला . . . वह कौन सी प्रार्थना है ??


ईश्वर की आराधना में मग्न भक्त
ईश्वर की भक्ति 

बुढ़िया बोली... ये जो 2 साल का बच्चा तुम्हारे सामने अधमरा पड़ा है,  वह मेरा पोता है, ना इसकी मां ज़िंदा है ना ही बाप, इस बुढ़ापे में इसकी ज़िम्मेदारी मुझ पर है, डाक्टर कहते हैं . . . . इसे कोई खतरनाक रोग है, जिसका वो उपचार नहीं कर सकते. 

कहते हैं की एक ही नामवर डाक्टर है, क्या नाम बताया था उसका ! हां "डॉ विश्वास" . . . . वही इसका ऑपरेशन कर सकता है, लेकिन मैं बुढ़िया कहां उस डॉ तक पहुंच सकती हूं? लेकर जाऊं भी तो पता नही वह देखने को राज़ी भी हो या नही

बस अब बंसीवाले से ये ही माँग रही थी कि वह मेरी इस मुश्किल को आसान कर दे..!!

डाक्टर की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही है . . . वह भर्राई हुई आवाज़ मे बोला ! 
माई . . . आपकी प्रार्थना ने हवाई जहाज़ को नीचे उतार लिया, आसमान पर बिजलियां कौधवा दीं, मुझे रस्ता भुलवा दिया, ताकि मैं यहां तक खींचा चला आऊं, हे भगवान ! मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा . . . . कि वो एक प्रार्थना स्वीकार करके अपने भक्तों के लिए इस तरह भी सहयता कर सकता है . . . . !!!


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दोस्तों,  ईश्वर सर्वशक्तिमान है . . . . . मनुष्य उस परमात्मा से जुडकर तो देखे, लौ लगाकर तो देखे . . . . जीवन में जब जब प्राणी असहाय हो जाता है, वहां से उसकी परम कृपा शुरू होती है . . . . । यह प्रसंग आप दुसरे लोगो को  भेजे सकते हैं, अपने विचार मुझे लिख सकते है, ताकि मुझ जैसे अनेकों लोगों की आँखे खुल सकें और वो भी ईश्वर की भक्ति से शक्ति प्राप्त कर सकें.



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